बदनसीबों मे होती हैं हमारी भी गिनती क्योंकि उस जमाने से हम अपने माँ बाप से दूर हैं। बदनसीबों मे होती हैं हमारी भी गिनती क्योंकि उस जमाने से हम अपने माँ बाप से दू...
रब्बा भी चर्चा का विषय बन जाता था! हर कोई रब्बा में बैठने के लिए ललचाचा था। रब्बा भी चर्चा का विषय बन जाता था! हर कोई रब्बा में बैठने के लिए ललचाचा था।
छिड़ी एक जंग जो राजा संभाल ना पाया... अपनी प्यारी मोहब्बत को बचा ना पाया... छिड़ी एक जंग जो राजा संभाल ना पाया... अपनी प्यारी मोहब्बत को बचा ना पाया...
"ख़ामोशी एक ज़ुबा" जो समझ सकता कोई,तो शायद ये दिल ना, रोता अकेले बैठ यूँ ही। "ख़ामोशी एक ज़ुबा" जो समझ सकता कोई,तो शायद ये दिल ना, रोता अकेले बैठ यूँ ही।
अब बात बात में बात करता हूँ, अपने में ही कुछ उलझे सवालात करता हूँ। अब बात बात में बात करता हूँ, अपने में ही कुछ उलझे सवालात करता हूँ।
बहुत सी बातें दोनों की मिलती तो है , एक दूसरे को समझने में वक्त लगता है बहुत सी बातें दोनों की मिलती तो है , एक दूसरे को समझने में वक्त लगता है